कोरोना मरीजों के लिए संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी जारी, जानिए किसे कब अस्पताल से मिलेगी छुट्टी
सेहतराग टीम
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (एमआएचएफडब्ल्यू) द्वारा कोरोनो वायरस रोगियों के लिए संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी जारी की गयी है। इस संशोधित डिस्चार्ज पॉलिसी के अनुसार अगर किसी मरीज में कोरोना का कोई लक्षण नजर नहीं आता है, तो उसे 10 दिन बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया जाएगा यानी अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। डिस्चार्ज करने से पहले जांच की कोई जरूरत नहीं होगी। हालांकि उस व्यक्ति को सलाह दी जाएगी कि वह वह अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद 7 दिनों तक आइसोलेशन में रहे और गाइडलाइन का पालन करे। इसलके अलावा गंभीर रोगों से जूझ रहे कोरोना पीडि़त मरीजों के लिए डॉक्टर्स उनकी हालत को देखते हुए निर्णय करेंगे।
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नई पॉलिसी के अनुसार जिन मरीजों में कोरोना के लक्षण नहीं या बहुत हल्के है, उनको कोविड केयर फैसिलिटी में रखा जाएगा और वहां उन्हें लगातार रेगुलर टेम्प्रेचर चेक और पल्स ऑक्सिमेट्री मॉनिटरिंग से गुजरना होगा। इस दौरान अगर उन्हें तीन दिन तक बुखार नहीं आया तो 10 दिन के बाद डिस्चार्ज कर दिया जाएगा। डिस्चार्ज से पहले, अगर कभी भी ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 पर्सेंट से नीचे जाता है तो मरीज को डेडिकेटेड कोविड हेल्थ सेंटर (CDC) ले जाया जाएगा।
इसके अलावा अगर किसी भी व्यक्ति को अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद बुखार, खांसी या सांस लेने के परेशानी होती है, तो वह कोविड केयर सेंटर, राज्य के हेल्पलाइन नंबर या 1075 पर संपर्क कर सकता है। अस्पताल से डिस्चार्ज हुए लोगों की 14 वें दिन टेली-कॉन्फ्रेंस के माध्यम से स्वास्थ्य जांच फिर की जाएगी।
वहीं, संशोधित पॉलिसी के अनुसार, गंभीर लक्षण वाले मरीजों को कोरोना वायरस के इलाज के लिए बने 'कोविड हेल्थ सेंटर' में ऑक्सीजन बेड्स पर रखा जाएगा। उन्हें बॉडी टेम्प्रेचर और ऑक्सीजन सैचुरेशन चेक्स से गुजरना होगा। अगर बुखार 3 दिन में उतर जाता है और मरीज का अगले 4 दिन तक सैचुरेशन लेवल 95% से ज्यादा रहता है, तो मरीज को 10 दिन के बाद छोड़ा जा सकता है। हालांकि, इस स्थिति में बुखार, सांस लेने में तकलीफ और ऑक्सीजन की जरूरत नहीं होनी चाहिए। ऐसे मरीजों को डिस्चार्ज से पहले टेस्टिंग से नहीं गुजरना होगा।
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हालांकि, पहले से गंभीर बीमारी से जूझ रहे कोरोना मरीजों के लिए नियम कुछ अलग होंगे। वो मरीज जो जो ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, उन्हें क्लीनिकल सिम्प्टम्स दूर होने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा। लगातार 3 दिन तक ऑक्सीजन सैचुरेशन मेंटेन रखने वाले मरीज ही डिस्चार्ज होंगे। इसके अलावा एचआइवी पेशेंट्स और अन्य गंभीर बीमारियों वाले पेशेंट्स को क्लीनिकल रिकवरी और आरटी-पीसीआर टेस्ट में नेगेटिव आने के बाद ही डिस्चार्ज किया जाएगा।
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